जनवरी से एमएमएमयूटी में शुरू होगा साइबर सुरक्षा पर शोध

जनवरी से एमएमएमयूटी में शुरू होगा साइबर सुरक्षा पर शोध











एमएमएमयूटी में साइबर सुरक्षा पर शोध जनवरी से शुरू होगा। यहां के विद्यार्थियों के शोध के लिए साइबर सिक्योरिटी लैब का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां दो सुपर कंप्यूटर भी लगाए जाएंगे। इसमें से त्रिवेंद्रम से एक की खरीद हो चुकी है।


एमएमएमयूटी का अगला सत्र जनवरी से शुरू होगा। इसी के साथ इस लैब में रिसर्च भी शुरू हो जाएगी। भविष्य में यहां पुलिस से जुड़े साइबर अपराधों का विश्लेषण भी होगा। इसके शुरू होने से साइबर क्राइम से संबंधित मामलों की जांच पुणे की बजाय गोरखपुर में ही हो सकेगी।


एमएमएमयूटी पहले से ही नेशनल साइबर सेफ्टी सिक्योरिटी स्टैंडर्ड का सदस्य है। एमएमएमयूटी ने साइबर सुरक्षा सेंटर स्थापित करने को पुणे स्थित साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी सेंटर व आस्ट्रेलिया की एक संस्था से समझौता किया है। साइबर सिक्योरिटी लैब को लेकर इंस्टॉलेशन का भी काम हो चुका है। सुपर कंप्यूटर आने के बाद इसे शुरू किया जाएगा। हाई परफार्मेंस वाले सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम से शोधार्थियों को आसानी होगी। इसके लिए दो सुपर कंप्यूटर की डिमांड की गई थी, लेकिन अभी एक ही मिल पाया है। एक सुपर कंप्यूटर की लागत करीब 35 लाख रुपये है। लैब में पहले विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन साइबर सिक्योरिटी पर आधारित नए शोध किए जाएंगे। इसके बाद साइबर क्राइम के मामलों की जांच की जाएगी। स्थानीय पुलिस से संपर्क कर केस लिए जाएंगे। इससे फायदा यह होगा कि बड़े साइबर क्राइम के मामलों की जांच बाहर न भेजकर यहीं से हो जाएगी।


कोट


साइबर सिक्योरिटी लैब में जनवरी से शुरू होने वाले सत्र से शोध कार्य शुरू करने की तैयारी है। दो सुपर कंप्यूटर लगाए जाने हैं, अभी एक ही मिला है। इस लैब से साइबर क्राइम के मामलों में नए शोध होंगे और साइबर क्राइम में पुलिस की भी मदद होगी।


-ऋ प्रो. एसएन सिंह, कुलपति, एमएमएमयूटी














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