क्रिकेट के उभरते स्टॉर यशस्वी का गोरखपुर से सॉलिड कनेक्शन, यहींं के कोच ने पहंचाया बुलंदियों पर
विश्वकप अंडर 19 क्रिकेट के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शतक के साथ टूर्नामेंट में 400 से अधिक रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी यशस्वी जायसवाल को मुंबई के आजाद नगर मैदान के टेंट से उठाकर क्रिकेट की बुलंदियों को पहुंचाने वाले ज्वाला ही है। उन्होंने ही यशस्वी को तराशा है और पिछले सात साल से अपनी एकेडमी में क्रिकेट की बारीकियां सिखा रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुए विश्वकप में ‘प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट चुने जाने के बाद यशस्वी को आईसीसी ने वर्ल्ड इलेवन में भी जगह दी है। गोरखपुर जिले के हाटा के पास मझगांवा के रहने वाले कोच ज्वाला सिंह बताते हैं कि करीब सात साल पहले यशस्वी से पहली मुलाकात मुंबई के आजाद मैदान के टेंट में हुई थी। वह वहीं रात गुजारता और दिन में गोलगप्पे बेचा करता था। मुफलिसी के बाद भी मैदान में उसका जुनून देखते ही बनता था। उसे देख मुझे खुद अपना संघर्ष याद आ गया। ज्वाला बताते हैं कि भदोही के रहने वाले यशस्वी के माता-पिता जितना संभव था, मदद करते, लेकिन वह नाकाफी था।

ज्वाला बताते हैं कि मुंबई में यशस्वी को लोग वापस भदोही लौटने की बात कहते तो लगता मुझे गोरखपुर लौटने की बात कही जा रही है। मैंने उसे अपने शांताक्रूज स्थित मकान में परिवार के सदस्य की तरह रखा। कोच बताते हैं कि यशस्वी को विश्वकप मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय पारी और फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 88 रन बनाते देखना ताउम्र याद रहेगा। कोच ज्वाला सिंह की एकेडमी में श्रीलंका के तेज गेदबाज चामुंडा वास से लेकर भारत के वसीम जाफर भी ट्रेनिंग देते हैं। आईपीएल 2020 के लिए राजस्थान रॉयल्स से यशस्वी को 2.40 करोड़ में खरीदा है।
सेंट एंड्रयूज ग्राउंड पर लगाए थे 400 छक्के
विश्वकप की तैयारियों में जुटे यशस्वी मुंबई में लगातार बारिश के चलते प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में वह बीते सितम्बर में कोच ज्वाला के साथ गोरखपुर आ गए थे। शहर के सेंट एंड्रयूज कालेज के ग्राउंड यशस्वी ने सात दिनों तक प्रेक्टिस की थी। कोच ज्वाला बताते हैं कि बारिश के चलते बल्ले पर गेंद रुक-रुक कर आ रही थी। वह झल्ला रहा था। बोला, सर लंबा शाट खेलना चाहता हूँ। तीन दिनों तक वह लंबे शॉट की प्रेक्टिस करता रहा। इस दौरान 400 से अधिक छक्के मारे। कई गेंद सड़क पर गई।

छक्के मारने के लिए टाइमिंग बहुत जरूरी
सेंट एंड्रयूज ग्राउंड में संचालित होने वाले आतिफ क्रिकेट एकेडमी में कोच कल्याण सिंह बताते हैं कि दुबले पतले यशस्वी के गगनचुंबी छक्के बताते हैं कि छक्के मारने के लिए टाइमिंग कितनी जरूरी है। कल्याण के साथ कोचिंग करने वाले दुर्गेश चौधरी बताते हैं कि टेलीविजन में यशस्वी को देखकर यकीन ही नहीं हो रहा कि वह इतना बड़ा खिलाड़ी है। पूरी उम्मीद है, वह जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेगा।
इसी माह ज्वाला के साथ गोरखपुर आएंगे यशस्वी
क्रिकेट की नई सनसनी यशस्वी जायसवाल इसी महीने अपने कोच ज्वाला सिंह के साथ गोरखपुर आने वाले हैं। कोच ज्वाला सिंह बताते हैं कि यशस्वी मेरे साथ महीने के अंतिम सप्ताह में गोरखपुर आएगा। अब वह मेरे परिवार के सदस्य जैसा है। मेरा गांव उसे काफी पसंद है |